सर्वनाम किसे कहते हैं। परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

सर्वनाम (Sarvanam in Hindi Grammar)

सर्वनाम की परिभाषा – वाक्य में संज्ञा की पुनरुक्ति को दूर करने के लिए संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं।

जैसे –

शिक्षक वर्ग में उपस्थित नहीं है और और वह कल भी वर्ग में नहीं आए थे।

इस वाक्य में “वह” शब्द शिक्षक संज्ञा के लिए प्रयुक्त हुआ है, अतः वह सर्वनाम है।

इन उदाहरणों पर भी ध्यान दे – 

वह जाता है।

वह जाती है।

वह वस्तु कहाँ है?

यहाँ वह पुरुष, स्त्री तथा वस्तु आदि सभी के लिए प्रयुक्त हुआ हैं। अतः वह सर्वनाम है।

सर्वनाम के भेद – Sarvanam Ke Bhed in Hindi

हिन्दी व्याकरण में सर्वनाम के 6 भेद होते हैं –

1 . पुरुषवाचक सर्वनाम

2 . निश्चयवाचक सर्वनाम

3 . अनिश्चयवाचक सर्वनाम

4 . संबंधवाचक सर्वनाम

5 . प्रश्नवाचक सर्वनाम

6 . निजवाचक सर्वनाम

सर्वनाम के सभी भेदों की पूरी जानकारी

1 . पुरुषवाचक सर्वनाम

परिभाषा – बोलने वाले, सुनने वाले या किसी अन्य के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग होता है, वह पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

पुरुष तीन प्रकार के होते हैं –

(क.) उत्तम पुरुष वाचक – जिन सर्वनामों का प्रयोग बोलने वाला या लिखने वाला अपने लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे – मैं, मेरी, हमारी, हम, हमारा, हमें।

(ख.) मध्यम पुरुष वाचक – जिन सर्वनामों का प्रयोग बोलने वाला या लिखने वाला, सुनने वाला या पढ़ने वाले के लिए करता है, उन्हें मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे – तू, तुम, आप, तुम्हारा, तुम्हें, आपका।

(ग.) अन्य पुरुष वाचक – जिन सर्वनामों का प्रयोग बोलने वाला किसी अन्य व्यक्ति के लिए करता है, उन्हें अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे – यह, वह, उसे, उसकी, वे, उन्हें, उनको, उन्होंने।

2 . निश्चयवाचक सर्वनाम

परिभाषा – जिन सर्वनाम शब्दों से किसी दूरवर्ती या समीपवर्ती व्यक्तियों, प्राणियों, वस्तुओं और घटना-व्यापार का निश्चय बोध होता है, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे – यह, ये, उस, इस, वे आदि।

उदाहरण – यह मेरा घर है।

3 . अनिश्चयवाचक सर्वनाम

परिभाषा – जिनमें किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति का बोध नहीं होता है, वे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

जैसे – कोई, कुछ, किसी आदि।

उदाहरण – दही में कुछ गिर गया है।

4 . संबंधवाचक सर्वनाम

परिभाषा – जो शब्द किसी उपवाक्य में प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम से अन्य सर्वनाम के साथ संबंध प्रकट करते हैं, वह सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

जैसे – जिसका, जो कि, जो-सो, जितना-उतना आदि।

उदाहरण – जो परिश्रम करेगा वह सफल होगा।

5 . प्रश्नवाचक सर्वनाम

परिभाषा – जिन सर्वनामों से किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, क्रिया-व्यापार आदि के संबंध में प्रश्न का बोध हो, वे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

जैसे – किसका, किसकी, कौन, क्या, किसने आदि।

उदाहरण – वह किसकी किताब है।

6 . निजवाचक सर्वनाम

परिभाषा – निजवाचक सर्वनाम वह होता है जिससे कर्त्ता के साथ अपनापन प्रकट होता है तथा जिन सर्वनामों का प्रयोग अपने लिए किया जाता है।

जैसे – आप, अपना, स्वयं, खुद आदि।

उदाहरण – मैं अपना लैपटॉप ले जा रहा हूं।

सर्वनाम के प्रयोग के नियम

1 . सर्वनामों का रूपांतरण केवल पुरुष, वचन और कारक के अनुरूप ही होता है। इनमें लिंगभेद के कारण रूपांतरण नहीं होता।

जैसे –

(क.) मोहन ने आइसक्रीम खाई। – उसने आइसक्रीम खाई।

(ख.) कृतिका ने आम खाया। – उसने आम खाया।

(ग.) लड़के लिख-पढ़ रहे हैं। – वे लिख-पढ़ रहे हैं।

(घ.) लड़कियां झूला झूल रही है। – वे झूला झूल रही है।

उपयुक्त पहले और दूसरे वाक्यों में मोहन पुल्लिंग और कृतिका स्त्रीलिंग, एकवचन दोनों के लिए उसने तथा तीसरे और चौथे वाक्य में लड़के पुल्लिंग बहुवचन और लड़कियां स्त्रीलिंग बहुवचन दोनों के लिए वे सर्वनामों का प्रयोग हुआ है।

2 . बड़े लोग, अधिकारी वर्ग, नेतागण, शिक्षक आदि अपने लिए मैं के स्थान पर हम का प्रयोग करते हैं।

3 . पुरुषवाचक, अनिश्चयवाचक और निजवाचक सर्वनामों में बदल देने हेतु ही अथवा जोड़ा जाता है।

जैसे – मैं ही, तू ही, तुम्ही, यही, वही आदि।

धन्यवाद

यह हिन्दी व्याकरण के चैप्टर को भी जरूर पढ़ें –


हिंदी व्याकरण – Hindi Grammar


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